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संत जसनाथ जी – Sant Jasnath Ji, जसनाथी सम्प्रदाय

संत जसनाथ जी – Sant Jasnath Ji, जसनाथी सम्प्रदाय, जसनाथ जी के 36 नियम, जसनाथ जी का जीवन परिचय, जसनाथ जी महाराज का परिचय (jasnath ji maharaj biography in hindi)

संत जसनाथ जी – Sant Jasnath Ji, जसनाथी सम्प्रदाय

◆ जन्म – कतरियासर (बीकानेर) में 1482 ई. में
◆ मुख्य मंदिर – कतरियासर
◆ ये सिकन्दर लोदी के समकालीन थे।
◆ इन्होंने जसनाथी संप्रदाय की स्थापना की थी।
◆ जसनाथ जी निर्गुण व निराकार ईश्वर के उपासक थे।
◆ इन्होंने अपने अनुयायियों के लिए 36 उपदेश दिए थे।
◆ इनके अनुयायी गले में काली ऊन के धागे पहनते है।

◆ जसनाथी संप्रदाय में मोर पंख तथा जाल वृक्ष को पवित्र मानते है।
◆ जसनाथी संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा अग्नि नृत्य किया जाता है।
◆ प्रमुख ग्रंथ – सिंभूदड़ा, कोडा
◆ मेला – आश्विन शुक्ल सप्तमी, माघ शुक्ल सप्तमी, चैत्र शुक्ल सप्तमी को कतरियासर (बीकानेर) में।
◆ सिकन्दर लोदी ने जसनाथ जी को बीकानेर में कतरियासर गाँव की भूमि दी थी।
◆ जसनाथ जी ने 24 वर्ष की उम्र में 1506 ई. में कतरियासर गाँव में जीवित समाधि ली थी।

जसनाथ जी के 36 नियम

  1. अच्छे कार्य करना।
  2. स्वधर्म के मार्ग का अनुसरण करना।
  3. जीव हिंसा नहीं करना।
  4. दूध और पानी को छानकर काम में लेना।
  5. स्नान करने के बाद भोजन करना।
  6. दोनों समय संध्या वंदन और ईश्वर स्मरण करना।
  7. शील, संतोष धारण करना।
  8. एक ही ईश्वर में विश्वास करना।
  9. होम (हवन) करना।
  10. झूठे मुंह से अग्नि को फूँक नहीं देना।
  11. स्वच्छतापूर्वक अच्छे केश धारण करना।
  12. कन्या विक्रय नहीं करना (पुत्री विवाह के समय पैसे नहीं लेना)
  13. ब्याज नहीं लेना।
  14. भूमि समाधि लेना।
  15. मोक्ष प्राप्ति के उपाय करना।
  16. अपनी आय का बीसवाँ हिस्सा धर्म के कार्य में लगाना।
  17. हुक्का, तम्बाकू, भांग और लहसुन का त्याग करना।
  18. कपट व निंदा का परित्याग एवं परस्त्रीगमन नहीं करना।
  19. किसी प्रकार का सौदा नहीं करना।
  20. बैलों को बधिया नहीं करना।
  21. पशुशालाएं बनवाकर पशुओं की कसाई से रक्षा करना।
  22. मन में दया धर्म रखना।
  23. रजस्वला नारी को दूर रखना व उसके हाथ का पानी नहीं पीना।
  24. घर पर आने वाले अतिथि का आदर सत्कार करना।
  25. व्यर्थ का विवाद नहीं करना।
  26. चोरी नहीं करना।
  27. शराब से दूर रहना।
  28. जन्म-मृत्यु के दौरान दस दिन तक सूतक पालना।
  29. कुल की निंदा नहीं करना।
  30. मुख से राम का नाम लेना व शिवशंकर का ध्यान लगाना।
  31. मांसाहार से दूर रहना।
  32. जीवमात्र पर दया करना।
  33. दुराचारियों की संगति नहीं करना।
  34. क्षमाशील बनना।
  35. पक्षियों को दाना-पानी देना।
  36. सभी प्रकार के मादक पदार्थों से दूर रहना।

संत जसनाथ जी – Sant Jasnath Ji, जसनाथी सम्प्रदाय, जसनाथ जी के 36 नियम, जसनाथ जी का जीवन परिचय

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