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कंप्युटर का विकास एवं पीढ़ियाँ | Development, Generation of Computer

Generation of Computer: इस पोस्ट में कंप्युटर के विकास (Computer Development Classification) एवं कंप्युटर की पीढ़ियों (Generation of Computer) के बारे में विस्तार से सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है जो सभी परीक्षाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है | कंप्युटर का विकास एवं पीढ़ियाँ

Generation of Computer: कंप्युटर का विकास

अबेकस :- यह एक प्राचीन गणना यंत्र है जिसका आविष्कार प्राचीन बेबीलोन में अंकों की गणना के लिए किया गया था |
» इसे संसार का प्रथम संगणक यंत्र कहा जाता है |
» इसमें तारों में गोलाकार मनके पिरोयी जाती है |

पास्कलाइन :- फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल ने 1642 में प्रथम यांत्रिक गणना मशीन का आविष्कार किया यह केवल जोड़ व घटा सकती थी |

डिफरेंस इंजन :- ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैवेज ने 1822 में डिफ़रेस इंजिन का आविष्कार किया जो भाप से चलता था| तथा गणनाएं कर सकता था |

» चार्ल्स बैबेज को कंप्युटर के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए आधुनिक कंप्युटर विज्ञान का जनककहा जाता है|

सेंसस टेबुलेटर :- 1890 में अमेरिका के वैज्ञानिक हर्मन होलेरिथ ने इस विद्युत चालित यंत्र का आविष्कार किया जिसका प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया|

मार्क – I :- 1937 – 1944 के बीच IBM कंपनी के सहयोग तथा वैज्ञानिक हावर्ड आइकेन के निर्देशन में विश्व में प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक गणना यंत्र का आविष्कार किया |

इडवैक (EDVAC) :- एनिएक कंप्युटर में प्रोग्राम में परिवर्तन कठिन था इससे निपटने के लिए वान न्यूमेन ने संग्रहीत प्रोग्राम की अवधारणा डी तथा इडवैक का विकास किया |

नोट – आधुनिक कंप्युटर के विकास में सर्वाधिक योगदान अमेरिका के डॉ. वान न्यूमेन का है| इन्हें डाटा और अनुदेशन दोनों को बाइनरी प्रणाली (0 और 1) में संग्रहीत करने का श्रेय जाता है |

माइक्रो प्रोसेसर :- 1970 इंटेल कम्पनी द्वारा प्रथम माइक्रो प्रोसेसर “इंटेल-4004” के निर्माण ने कंप्युटर के क्षेत्र में क्रांति लादी |
» इससे छोटे आकार के कंप्युटर का निर्माण संभव हुआ जिन्हें माइक्रो कंप्युटर कहा गया |

एप्पल – II :- 1977 में प्रथम व्यवसायिक माइक्रो कंप्युटर का निर्माण किया गया जिसे एप्पल – II नाम दिया गया |

यह भी पढ़ें >> कंप्युटर का सामान्य परिचय

कंप्युटर के विकास का वर्गीकरण (Computer Development Classification)

हार्डवेयर के उपयोग के आधार पर :-

  1. पहली पीढ़ी
  2. दूसरी पीढ़ी
  3. तीसरी पीढ़ी
  4. चौथी पीढ़ी
  5. पाँचवी पीढ़ी

कार्य पद्धति के आधार पर :-

  1. एनालॉग कंप्युटर
  2. डिजिटल कंप्युटर
  3. हाइब्रिड कंप्युटर

आकार एवं कार्य के आधार पर कंप्युटर :-

  1. मेन फ्रेम कंप्युटर
  2. मिनी कंप्युटर
  3. सुपर कंप्युटर

हार्डवेयर के आधार पर :-

पहली पीढ़ी के कंप्युटर (First Generation Computer) (1942-1955)

– इनके निर्माण में निर्वात ट्यूब (vacuum tubes) का प्रयोग होता था |
– सॉफ्टवेयर मशीनी भाषा तथा निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा में तैयार किया जाता था |
– डाटा तथा सॉफ्टवेयर के भंडारण के लिए पंच कार्ड तथा पेपर टेप का प्रयोग किया गया।
– कंप्यूटर का गणना समय या गति मिली सेकंड में थी।
– पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों का उपयोग मुख्यतः वैज्ञानिक अनुसंधान और सैन्य कार्यों में किया गया।
– उदाहरण – एनिएक (ENIAC), यूनिबैक (UNIVAC) तथा IBM

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation Computer)

– दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में निर्वात ट्यूब की जगह सेमीकंडक्टर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया।
– सॉफ्टवेयर उच्च स्तरीय असेंबली भाषा में तैयार किया गया।
– डाटा और सॉफ्टवेयर के भंडारण के लिए मेमोरी के रूप में चुंबकीय भंडारण उपकरणों जैसे – मैग्नेटिक टेप तथा मैग्नेटिक डिस्क आदि का प्रयोग आरंभ हुआ।
– कंप्यूटर के प्रोसेस की गति तीव्र हुई अब इसे माइक्रो सेकंड में मापा जाता था।
– व्यवसाय तथा उद्योग में कंप्यूटर का प्रयोग आरंभ हुआ।
– सॉफ्टवेयर में कोबोल (COBOL), फोरट्रॉन (FORTRAN) जैसे उच्च स्तरीय भाषा का विकास।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (Third Generation Computer)

– तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट चिप का प्रयोग आरंभ हुआ।
– इनपुट तथा आउटपुट उपकरण के रूप में की-बोर्ड, मॉनिटर का प्रयोग प्रचलित हुआ।
– कंप्यूटर का गणना समय नैनो सैकेण्ड में मापा जाने लगा।
– कंप्यूटर का व्यवसायिक व व्यक्तिगत उपयोग आरंभ हुआ।
– उच्च स्तरीय भाषा पीएल-1, पास्कल, बेसिक आदि का विकास हुआ।
– टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (Fourth Generation Computer)

– चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया गया।
– कंप्यूटर का गणना समय पीको सैकेण्ड में मापा जाने लगा।
– माइक्रो प्रोसेसर का विकास एम.ई. हॉफ ने 1971 में किया।
– उच्च गति वाले कंप्यूटर नेटवर्क जैसे – लैन, वैन का विकास हुआ।
– 1981 में IBM ने माइक्रो कंप्यूटर का विकास किया जिसे PC – Personal Computer कहा गया।
– ऑपरेटिंग सिस्टम में एम.एस. डॉस, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, तथा एप्पल ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास हुआ।
– उच्च स्तरीय भाषा में C भाषा का विकास हुआ।

पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (Fifth Generation Computer)

– ULSI तथा SLSI से करोड़ों इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से युक्त माइक्रो प्रोसेसर चिप का विकास हुआ।
– मल्टीमीडिया तथा एनीमेशन के कारण कंप्यूटर का शिक्षा तथा मनोरंजन में उपयोग किया जाने लगा।
– भंडारण के लिए ऑप्टिकल डिस्क जैसे – सीडी, डीवीडी, ब्लू रे डिस्क का विकास हुआ।
– नेटवर्किंग के क्षेत्र में इंटरनेट, ईमेल, www का विकास हुआ।
– मैग्नेटिक बबल मेमोरी के प्रयोग से भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई।

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