ब्रिटिशकालीन शिक्षा व्यवस्था (British Education System): भारतीय इतिहास की इस पोस्ट में ब्रिटिशकालीन भारत में शिक्षा व्यवस्था से संबंधित नोट्स एवं महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है जो सभी परीक्षाओं के लिए बेहद ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है
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ब्रिटिशकालीन शिक्षा व्यवस्था
◆ 1781 में वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता मदरसा की स्थापना की थी।
◆ 1784 में विलियम जोन्स ने एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की थी।
◆ 1791 में जोनाथन डंकन ने बनारस संस्कृत कॉलेज की स्थापना की थी।
◆ 1800 ई. में लार्ड वैलेजली ने असैनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए कलकत्ता में विलियम फोर्ट कॉलेज की स्थापना की थी।
◆ 1817 में राजा राममोहन राय ने डेविड हेयर के सहयोग से कलकत्ता हिन्दू कॉलेज की स्थापना की थी। जिसे वर्तमान में प्रेसिडेंसी कॉलेज के नाम से जाना जाता है।
◆ बंगाल के सिरामपुर के तीन इसाई पादरियों – डॉ. केरे, वार्ड और मार्शमैन ने ईसाई धर्म के प्रचार के लिए शिक्षा को अपना माध्यम बनाया। इन तीनों व्यक्तियों को सिरामत्रयी के नाम से जाना जाता था।
◆ 1813 के चार्टर एक्ट में ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को पहली बार यह निर्देश दिया कि भारत में शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये खर्च किये जाए।
◆ 1833 के चार्टर एक्ट के तहत इस राशि को 10 लाख रुपये कर दिया गया।
◆ 1823 में भारतीय शिक्षा पर रिपोर्ट देने के लिए लोक शिक्षा सामान्य समिति का गठन किया गया। इस समिति के प्रमुख सदस्य विल्सन, जेम्स प्रिंसेप, थॉमस मुनरो, आदि थे।
◆ विल्सन तथा जेम्स प्रिंसेप प्राच्य शिक्षा के समर्थक थे। जबकि मुनरो व एलकिन्सटन आंग्ल शिक्षा के समर्थक थे।
◆ इस विवाद को सुलझाने के लिए विलियम बेंटिग ने अपनी परिषद के विधि सदस्य ‘लार्ड मैकाले’ को नियुक्त किया। मैकाले ने आंग्ल शिक्षा का समर्थन किया। मैकाले की अनुशंसा पर ही विलियम बेंटिग ने 1835 में भारत में अंग्रेजी भाषा को लागू किया। अतः लार्ड मैकाले को भारत में अंग्रेजी भाषा का जनक माना जाता है।
◆ भारत में आधुनिक शिक्षा का जनक चार्ल्स ग्रान्ट को माना जाता है।
◆ लार्ड ऑकलैंड ने शिक्षा के क्षेत्र में ‘अधोमुखी निष्पन्दन सिद्धान्त’ दिया था।
◆ इस सिद्धांत के अनुसार भारत में पहले उच्च वर्ग को अंग्रेजी भाषा की शिक्षा दी जाए। अन्य वर्ग अपने आप ही उच्च वर्ग की प्रेरणा से अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
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वुड डिस्पैच – 1854
◆ लार्ड डलहौजी के समय संचालक मंडल के अध्यक्ष चार्ल्स वुड ने 1854 में भारतीय शिक्षा से सम्बंधित एक योजना प्रस्तुत की जिसे वुड डिस्पैच के नाम से जाना जाता है।
◆ वुड डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है।
◆ वुड डिस्पैच ने पहली बार महिला शिक्षा पर बल दिया गया।
◆ वुड डिस्पैच की सिफारिश के आधार पर ही 1857 में भारत में 3 विश्वविद्यालय (कलकत्ता, बम्बई, मद्रास) की स्थापना की गई।
◆ कलकत्ता विश्वविद्यालय भारत का प्रथम विश्वविद्यालय है।
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हण्टर कमीशन – 1882
◆ इस कमीशन की नियुक्ति लार्ड रिपन के समय वुड डिस्पैच के अंतर्गत भारत में हुई शिक्षा की प्रगति की समीक्षा के लिए की गई थी।
◆ हण्टर कमीशन में मुख्य रूप से प्राथमिक शिक्षा पर बल दिया गया था।
रैले आयोग – 1902
◆ लार्ड कर्जन ने विश्वविद्यालयों की शिक्षा की समीक्षा के लिए 1902 में थॉमस रैले की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया।
◆ इस आयोग की सिफारिश पर ही 1904 में विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया।
◆ इस अधिनियम के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में अध्ययन व शोध कार्य पर भी बल दिया गया। इससे पहले विश्वविद्यालयों का कार्य मात्र परीक्षाओं का आयोजन करवाने तक सीमित था।
◆ इस अधिनियम द्वारा लार्ड कर्जन ने विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर अंकुश लगाने का प्रयास किया।
◆ 1904 में लार्ड कर्जन ने पुरातात्विक विभाग का पुनर्गठन किया। मूलतः पुरातत्व विभाग की स्थापना अलेक्जेंडर II ने की थी।
◆ लार्ड कर्जन ने बंगाल के पूसा नामक स्थान पर कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना की थी। वर्तमान में पूसा इंस्टीट्यूट दिल्ली में है।
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सेडलर आयोग – 1917
◆ इसका गठन कलकत्ता विश्वविद्यालय के लिए किया गया था।
वर्धा शिक्षा योजना / शिक्षा की आधारभूत योजना
◆ गांधीजी ने 1937 में भारतीय शिक्षा के लिए अपने समाचार पत्र हरिजन में 1937 में एक योजना प्रस्तुत की। इस योजना को कार्यरूप देने के लिए 1937 में ही वर्धा में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया।
◆ इस सम्मेलन में गांधीजी ने भारतीय शिक्षा से सम्बंधित जो प्रस्ताव रखे। उन्हें वर्धा शिक्षा योजना / बेसिक शिक्षा योजना के नाम से जाना जाता है।
सार्जेन्ट योजना – 1944
◆ ब्रिटिशकाल में शिक्षा के लिए गठित अंतिम योजना थी। इसमें अनिवार्य शिक्षा पर बल दिया गया था। शिक्षा के पुनर्गठन के लिए 40 वर्ष का समय निर्धारित किया गया था।
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