राजनीति विज्ञान की इस पोस्ट में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 4 (पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां) से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। यदि आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो अनुच्छेद आपके लिए बहुत ही उपयोगी है क्योंकि सभी परीक्षाओं article 4 upsc में इनसे संबंधित प्रश्न पूछे जाते है। इस आर्टिकल में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 4 से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। bhartiy snvidhan Article 4 in Hindi, article 4 of indian constitution in hindi, anuched 4, article 4 of indian constitution explanation

भारतीय संविधान अनुच्छेद 4
अनुच्छेद 4 – पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक विषयों का उपबंध करने के लिए अनुच्छेद 2 और अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई विधियां
(1) अनुच्छेद 2 या अनुच्छेद 3 में निर्दिष्ट किसी विधि में पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन के लिए ऐसे उपबंध अंतर्विष्ट होंगे जो उस विधि के उपबंधों को प्रभावी करने के लिए आवश्यक हों तथा ऐसे अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक उपबंध भी (जिनके अंतर्गत ऐसी विधि से प्रभावित राज्य या राज्यों के संसद् में और विधान-मंडल या विधान-मंडलों में प्रतिनिधित्व के बारे में उपबंध है) अंतर्विष्ट हो सकेंगे जिन्हें संसद् आवश्यक समझे ।
(2) पूर्वोत्क प्रकार की कोई विधि अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन नहीं समझी जाएगी ।
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अनुच्छेद 2 – नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
अनुच्छेद 3 – नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के नाम या सीमाओं में परिवर्तन