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अक्षांश एवं देशांतरीय रेखाएं | Akshansh aur Deshantar
★ ज्योग्राफी (Geography) ग्रीक भाषा का शब्द है।
★ पृथ्वी का सबसे पहले अध्ययन – हिकेटियस (पुस्तक – जस पिरियोडस / Jes Periods)
★ हिकेटियस को भूगोल का पिता कहा जाता है।
★ इरेटोस्थनीज – पुस्तक – ज्योग्राफीका (इस पुस्तक के नाम पर इस विषय का नाम ज्योग्राफी पड़ा)
अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं (Akshansh aur Deshantar)
अक्षांश रेखाएं
● वे काल्पनिक रेखाएं जो पश्चिम से पूर्व की ओर वृत बनाती है।
● अक्षांशों की संख्या – 181
● अक्षांश रेखाओं की संख्या – 179
● भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाओं को अक्षांश रेखाएं कहते हैं। तथा सभी अक्षांश रेखाएं वृत्ताकार होती है।
● दो अक्षांशों के बीच की दूरी हमेशा एक समान होती है। (1° = 111KM) (Akshansh aur Deshantar)
महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं
- 0° – भूमध्य / विषुवत रेखा
- 23½° उतरी अक्षांश रेखा – कर्क रेखा
- 23½° दक्षिणी अक्षांश रेखा – मकर रेखा
- 66½° उतरी अक्षांश रेखा – आर्कटिक वृत
- 66½° दक्षिणी अक्षांश रेखा – अंटार्कटिक वृत
- 90° उतरी ध्रुव
- 90° दक्षिणी ध्रुव
देशांतर रेखाएं
● देशांतर रेखाएं वे काल्पनिक रेखाएं हैं जो उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों को मिलाने का काम करती है।
● 0° देशांतर रेखा को निर्धारित करने के लिए 22 अक्टूबर 1884 को वाशिंगटन डीसी में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया और इस सम्मेलन में लंदन के ग्रीनविच नामक स्थान से 0° देशांतर रेखा निर्धारित की गई।
● देशांतर रेखाओं की संख्या – 360
● सभी देशांतर रेखाएं अर्द्ध वृत्ताकार होती है।
● दो देशांतर रेखाओं के बीच अधिकतम दूरी भूमध्य रेखा पर होती है (1° = 111.32KM)
● दो देशान्तरों के बीच न्यूनतम दूरी ध्रुवों पर होती है (1° = 0KM)
● ग्रीनविच रेखा तथा भूमध्य रेखा एक दूसरे को अटलांटिक महासागर में काटती है।
● यदि कोई व्यक्ति पूर्वी देशांतर से अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करके पश्चिमी देशांतर में जाता है तो 1 दिन घट जाएगा या उसे 1 दिन का लाभ होगा।
● यदि पश्चिमी देशांतर से अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करके पूर्वी देशांतर में जाता है तो 1 दिन बढ़ जाता है तो उसे 1 दिन की हानि होगी।
● अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशांत महासागर से होकर गुजरती है यह एकमात्र देशांतर रेखा है जो टेडी-मेडी है। क्योंकि प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपों को लेकर समय की समस्या न हो। (Akshansh aur Deshantar)
महाद्वीप ओर उनसे गुजरने वाली अक्षांश रेखाएं
● एशिया महाद्वीप – आर्कटिक वृत, कर्क रेखा, विषुवत रेखा
● अफ्रीका महमहाद्वीप – मकर रेखा, कर्क रेखा, विषुवत रेखा
● उत्तरी अमेरिका महाद्वीप – आर्कटिक वृत, कर्क रेखा
● दक्षिण अमेरिका – मकर रेखा, विषुवत रेखा
● यूरोप महाद्वीप – आर्कटिक वृत
● ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप – मकर रेखा
★ यदि कोई व्यक्ति पूर्वी देशांतर से अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करके पश्चिमी देशांतर में जाता है तो एक दिन घट जाएगा या उसे एक दिन का लाभ होगा।
★ यदि कोई व्यक्ति पश्चिमी देशांतर से अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करके पूर्वी देशांतर में जाता है तो एक दिन बढ़ जाता है या उसे एक दिन की हानी होगी।
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