सूफी आन्दोलन नोट्स | Sufi Movement in Hindi Notes: भारतीय इतिहास की इस पोस्ट में सूफी आन्दोलन से संबंधित नोट्स एवं महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है जो सभी परीक्षाओं के लिए बेहद ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है
सूफी आन्दोलन नोट्स | Sufi Movement in Hindi Notes
👉🏻 इस्ताल धर्म का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ कुरान है तथा इस कुरान की व्याख्या शरीयत तथा तरीकत दो रूपों में की जाती है।
👉🏻 शरीयत पारम्परिक उलेमा वर्ग का कट्टरपंथी स्वरूप होता है।
👉🏻 नरीकत व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारीत रहस्यवादिया के माध्यम से सीधा ईश्वर से सम्पर्क स्थापित करना होता है।
👉🏻 यही सूफी धर्म कहलाता है।
सूफी धर्म की विशेषताएं
👉🏻 इस्लाम का उदय अरब में हुआ परन्तु सूफी धर्म का उदय ईरान मे मुख्यतः बसरा शहर में हुआ।
👉🏻 सूफी धुमक्कड जीवन जीते हुए इस्लाम धर्म की उदारवादिता का प्रचार करते थे – चूँकि इन्हें खुरासन जैसे ठण्डे जलवायु प्रदेश से भी गुजरना पड़ता था अतः ऊन का बना मोटा लिबादा पहनते थे जो सफ कहलाता था, इसीलिए ये अनुयायी सूफी कहलाये।
👉🏻 सूफी धर्म में आध्यात्मिक गुरू पीर, मुर्शीद या शेख कहलाते है तथा इनके शिष्य मुरीद कहलाते है।
👉🏻 सूफी धर्म के आवास स्थल खानकाल कहलाते थे।
👉🏻 सूफी धर्म में आयोजित संगीत गोष्ठियां ‘समा‘ कहलाती है तथा नृत्य ‘जमा‘ कहलाता है।
👉🏻 सूफी शब्द की उत्पति अरबी भाषा के ‘सफा’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है – पवित्रता।
👉🏻 भारत में दिल्ली सल्तनत की स्थापना से पूर्व सूफी सिलसिले का आगमन हो चुका था।
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सूफी दर्शन
👉🏻 इस दर्शन में खल्क (सृष्टि) तथा हक (सृष्टिका) की व्याख्या की गई है।
👉🏻 जीव तथा ब्रह्म दो पदार्थ होते है इस प्रकार यह द्वैतवाद के अधिक निकट आता है, परन्तु अपने अन्तिम चरण में यह अद्वैतवाद के अधिक निकट नजर आता है।
👉🏻 जीव का ब्रह्म में मिलन कुल 10 चरणों में होता है। प्रथम अवस्था ‘तोबा‘ (अफसोस) तथा अन्तिम अवस्था ‘रिजा‘ अर्थात लक्ष्य की ओर अग्रसर होना होता है।
👉🏻 इसके पश्चात् जीव अपना पार्थिक अस्तित्व को नष्ट मानते हुए पूर्ण रूप से ईश्वर के प्रति समर्पित हो जाता है यह अवस्था ‘फना‘ कहलाती है।
👉🏻 इस्लाम धर्म में फना को मान्यता बयाजिद बिस्तामी ने प्रदान की थी।
👉🏻 जीव का ब्रह्म से एकाकार ‘बका‘ कहालात है तथा यह पूरी प्रक्रिया ‘वस्ल‘ कहलाती है।
भारत में सूफीज्म
👉🏻 भारत में सूफी की धारा इस्लाम के साथ ही आई थी।
👉🏻 स्पष्ट है कि भारत में सूफी भक्ति परिष्कृत रूप में प्रतिष्ठित थी।
👉🏻 हसन बसरी प्रथम ज्ञात सूफी संत थे।
👉🏻 प्रथम व एकमात्र महिला सूफी संत राबिया हुई है जिनकी शिक्षा बसरा (ईरान) में हुई थी।
👉🏻 801 ई. में राबिया की मृत्यु हुई थी।
👉🏻 भारत में आये प्रथम सूफी संत अल हुजुवरी थे जो गजनवी के समय आये थे तथा लाहौर को अपना केन्द्र बनाया। इन्होंने कश्फ उल महजूब नामक रचना की थी जिसे सूफी धारा का प्रथम प्राणमिक व मान्य ग्रन्थ माना जाता है।
👉🏻 अरबी में लिखा साहित्य गद्यात्मक शैली में ही जबकि फारसी में लिखा साहित्य पद्यात्मक।
👉🏻 फारसी भाषा में लिखी कविताएं ‘मसनवी‘ कहालती है।
👉🏻 इस्लाम धर्म के अनुसार सबसे प्राचीन सूफी सिलसिला कादिरी था तथा भारत में आया सबसे प्राचीन सिलसिला ‘चिश्ती‘ था।
👉🏻 चिश्ती तथा सुहरावर्दी सरीयत की ही व्याख्या करते थे अतः इन सिलसिलों को बासरा तथा अन्य सिलसियों को बेसर कहा जाता है।
👉🏻 सूफी सिलसिला मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित है –
1.बा-शरा अर्थात वे जो इस्लामी विधान (शरा) को मानते थे ।
2.बे-शरा अर्थात वे जो इस्लामी विधान (शरा) से बंधे हुए नहीं थे। ये अधिकतर घुमक्कड़ सूफी संत होते थे ।
👉🏻 संसार का पहला सूफी संत अबू हाशिम था, जो कुफा (ईरान) का निवासी था ।
👉🏻 अबुल फजल ने आइने अकबरी में 14 सूफी सिलसिलों का उल्लेख किया है इनमें से चिश्ती, सुहारवर्दी, कादिरी, नक्शबंदी प्रसिद्ध सिलसिले रहे है ।
👉🏻 सूफी संतों के निवास स्थान को खानकाह कहा जाता था ।
सुहरावर्दी सिलसिला
👉🏻 इस सिलसिले की स्थापना सुहाबुदीन सुहरावर्दी ने बगदाद में की थी।
👉🏻 भारत में यह सिलसिला बहाउदीन जकारिया द्वारा लाया गया था।
👉🏻 इन्होने सर्वप्रथम मुल्तान में अपना खानकाह स्थापित किया।
👉🏻 इस समय मुल्तान में कुबाचा था, जकारिया ने कुबाचार की बुराई करना प्रारम्भ किया।
👉🏻 इल्तुतमिश द्वारा इन्हें शेख उल-इस्लाम की उपाधि दी गई।
👉🏻 सुहरावर्दी के शिष्य जलालुदीन तबरीजी को बंगाल के इस्लामीकरण का श्रेय दिया गया है।
👉🏻 सल्तनतकाल में सुहरावर्दी सबसे प्रधान व प्रमुख सूफी सिलसिला था।
👉🏻 इन्होंने राजकीय पद जैसे – शेख-उल-इस्लाम, सद्र-ए-विलायत आदि स्वीकार किया ।
चिश्ती सिलसिला
👉🏻 इस सिलसिले की स्थापना ख्वाजा मौइनुदीन चिश्ती ने की थी।
👉🏻 इनका जन्म 1141 में हेरात के सिजीस्तान (सर्जरी) गाँव में हुआ था।
👉🏻 मो. गौरी के द्वितीय आक्रमण (1192) के समय ये भारत आये थे तथा 1206 में अजमेर को अपना धार्मिक केन्द्र बनाया तथा 1236 में इनकी मृत्यु अजमेर में ही हुई।
👉🏻 कुतुबुदीन बख्तीयार काकी तथा हमीमुदीन नागौरी इनके प्रमुख शिष्य थे।
👉🏻 काकी की याद में ही एल्तुमीश ने दिल्ली में कुतुबमीनार का निर्माण कराया था।
👉🏻 फरीखुदीन समूद काकी के प्रमुख शिष्य थे जिन्होनें पंजाब को अपना कार्य क्षेत्र बनाया।
👉🏻 चिश्ती सिलसिले के संत अद्वैतवाद के परंपरागत नियमों में विश्वास रखते थे तथा निजी सम्पति के खिलाफ थे ।
👉🏻 इन्हें गजशकर की उपाधि प्राप्त थी।
👉🏻 हमीमुदीन नागौरी ने फारसी में लिखे ग्रन्थों का अनुवाद हिन्दी भाषा में किया था। हिन्दी भाषा का प्रयोग करने वाले पहले सूफी संत थे।
👉🏻 निजामुदीन ओलिया चिश्ती सम्प्रदाय के प्रसिद्ध सूफी संत हुए जिन्होंने दिल्ली के 7 सल्तनत शासकों के समये तक अपना योगदान दिया। (बलबन, क्यूमर्स, जलालूद्यिन खिलजी, अलाउद्यीन खिलजी, कुतुबुदीन मुबारक खिलजी, खुसरा खाँ ग्यासुद्यीन तुगलक)
👉🏻 ग्यासुद्यीन तुगलक ने औलिया की लोकप्रियता से भयभीत होकर उन्हें दिल्ली छोड़ने का आदेश दिया ।
👉🏻 शेख निजामूद्यीन औलिया के सबसे प्रिय शिष्य अमीर खुसरो थे । खुसरो ने अपने पीर (गुरु) की मृत्यु का समाचार सुनते ही दूसरे दिन प्राण त्याग दिए।
👉🏻 जियाउदीन बरनी तथा अमीर खुसरो इनके प्रसिद्ध शिष्य हुए।
नोट:- भारती में राजकीय संरक्षण प्राप्त करने वाले ये सबसे बड़े संत हुए।
👉🏻 इन्हीं के शिष्य नासीरूदीन महमूद को चिराग दिल्ली की उपाधि दी गई थी।
👉🏻 बुहानुदीन गरीब को दक्षिणी भारत में सूफी सिलसिले की शुरूआत करने का श्रेय जाता है परन्तु सबसे प्रसिद्ध सूफी संत गोसुदराज हुए जिन्हें ‘बन्दा नवाज‘ की उपाधि प्राप्त है।
👉🏻 इसके अलावा फतेहपुर-सीकरी में शेख सलीम चिश्ती प्रसिद्ध संत हुए।
कादिरी सिलसिला
👉🏻 यह इस्लाम में प्रथम रहस्यवादी पंथ था ।
👉🏻 इसकी स्थापना शेख अब्दुल कादिर जिलानी थे जिन्हें कुल 99 उपधियां प्राप्त थी।
👉🏻 इन्होनें बगदाद में इस सम्प्रदाय की स्थापना की थी।
👉🏻 भारत में शाह नियामत महमूद जिलानी ने इस सिलसिले का प्रचार किया।
👉🏻 इसी के संत शेख मुसा को अकबर ने 5000 का मनसब प्रदान किया था।
👉🏻 शाहजहाँ के ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह कादिरी सिलसिले का अनुयायी था। सूफी मत पर दाराशिकोह ने 2 पुस्तकें लिखी है –
1.सफीनात-उल-औलिया – इसमे सूफी संतों की जीवनी लिखी है
2.सकीनात-उल-औलिया – इसमे अपने गुरु नासिरुद्यीन जिलानी की जीवनी लिखी है ।
नक्शबंदी सिलसिला
👉🏻 ये दीवारों पर रहस्यात्मक नक्शे बनाकर उनमें रंग भरते थे।
👉🏻 इस सिलसिले की स्थापना ख्वाजा बहाउदीन नक्शबंद ने की थी।
👉🏻 शेख अहमद सरहिन्दी इसके प्रसिद्ध संत हुए।
👉🏻 कश्मीर में इस्लामीकरण का श्रेय शेख नुरूदीन वाली को दिया जाता है जिन्होनें कश्मीर में ऋषि सम्प्रदाय की स्थापना की।
👉🏻 सूफी धारा में केवल कलन्दर सिलसिले को शामिल नहीं किया जाता था।
👉🏻 भारत में इस सिलसिले का प्रचार प्रमुख रूप से ख्वाजा बकी बिल्लाह द्वारा किया गया था ।
सूफीमत की प्रमुख शिक्षाएं
👉🏻 ईश्वर एक है, सर्वव्यापी है, वह सभी के ह्रदय में वास करता है ।
👉🏻 बिना गुरु के ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता है ।
👉🏻 व्यक्ति अहंकार को समाप्त करके ही ईश्वर को पा सकता है ।
👉🏻 अल्लाह का प्यारा वही है जो सभी मनुष्यों से प्यार करता है
👉🏻 सत्य और अहिंसा मे विश्वास ।
👉🏻 बुराइयों से दूर रहना एवं इच्छाओं पर नियंत्रण रखना ।
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