Join WhatsApp GroupJoin Now
Join Telegram GroupJoin Now

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) से संबंधित नोट्स एवं महत्वपूर्ण जानकारी

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji): इतिहास की इस पोस्ट में छत्रपती शिवाजी से संबंधित नोट्स एवं महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई है छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji)

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji)

👉🏻 शिवाजी का जन्म 20 अप्रेल, 1627 को महाराष्ट्र के शिवनेर नामक स्थान पर हुआ था।

👉🏻 इनके पिता का नाम शाहजी भौंसले तथा माता का नाम जीजाबाई था।

👉🏻 जीजाबाई देवगरी के निम्बालकर कुल की स्त्री थी।

👉🏻 शिवाजी पर सबसे ज्यादा प्रभाव अपनी माता जीजाबाई का ही पड़ा।

👉🏻 शाहजी भौसले ने जीजाबाई तथा शिवाजी को पूना की जागीर प्रदान की थी तथा दादा कोडदेव को इनका संरक्षक नियुक्त किया।

👉🏻 सैन्य शिक्षा में दक्षता शिवाजी ने कोडदेव से ही प्राप्त की थी।

👉🏻 शिवाजी पर आध्यात्मिक प्रभाव धारकारी सम्प्रदाय के समर्थ गुरू रामदास का पड़ा।

👉🏻 1640 में इनका विवाह सालबाई (साईबाई) से किया गया।

👉🏻 शिवाजी ने सर्वप्रथम 1643 में सिंहगढ़ दुर्ग पर विजय प्राप्त की थी।

👉🏻 1646 में तोरण दुर्ग पर इसी वर्ष रायगढ़ दुर्ग का निर्माण कराया।

👉🏻 सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पुरन्दर का दुर्ग 1648 में नीलोजी नीलकंठ से छीना।

👉🏻 1656 में लोहागढ़ दुर्ग को छीनकर इसे अपनी प्रथम राजधानी बनायी।

👉🏻 इन विजयों से आशांकित होकर बीजापुर सुल्तान अली आदिलशाह ने शिवाजी के पिता शाहजी भौसले को गिरफ्तार कर लिया।

👉🏻 शिवाजी ने शाहजहाँ के पुत्र मुराद के साथ मिलकर बीजापुर पर आक्रमण का नाटक किया, जिससे आदिशाल घबरा गया तथा शाहजी भौसले को मुक्त कर दिया।

👉🏻 सितम्बर, 1659 का अली आदिलशाह ने अपने सेनापति अफजल खां को शिवाजी के विरूद्ध नियुक्त किया।

👉🏻 अफजल खां ने कृष्णाजी भास्कर को दूत बनाकर शिवाजी  शिवाजी के पास भेजा।

👉🏻 कृष्णा जी ने अफजल खां के मन्तव्य से शिवाजी को अवगत करा दिया।

👉🏻 2 नवम्बर, 1659 को प्रतापगढ़ के जंगलों में शिवाजी ने बहानख नामक हथियार से अफजल खां का वध कर दिया।

👉🏻 कोकण, कोल्हापुर, चाकन व पन्हाला के क्षेत्र शिवाजी ने विजीत कर लिये।

👉🏻 आदिलशाह ने शिवाजी को एक स्वतंत्र शासक के रूप में मान्यता दे दी। बदले में शिवाजी ने भी चाकन व पन्हाला के दुर्ग आदिलशाह को लौटा दिये।

👉🏻 1660 में औरंगजेब ने अपने माँ शाइस्ता खां को दक्कन का सुबेदार नियुक्त किया।

👉🏻 शाइस्ता खां ने कोकण, चाकन, पुरन्दर यहाँ तक की पुना पर भी कब्जा कर लिया।

👉🏻 15 अप्रेल, 1663 को शिवाजी वेश बदलकर 400 मराठा सैनिकों के साथ पुना नगर में दाखिल हुए तथा शाइस्ता खां पर हमला कर दिया।

👉🏻 औरंगजेब ने शाइस्ता खां को बंगाल का सुबेदार बनाकर भेज दिया।

👉🏻 उत्साहित शिवाजी ने 10 फरवरी, 1664 को मुगलों की व्यापारिक राजधानी कहलाने वाले सुरत नगर को लूटा।

👉🏻 इस समय यहाँ स्थित अंग्रेजी बस्तियों का अध्यक्ष जॉन आक्स इाइन था।

👉🏻 यहाँ से कुल एक करोड़ की लूट की गई।

👉🏻 इसके पश्चात् औरंगजेब ने जयपुर के राजा जयसिंह प्रथम को दक्कन की सुबेदारी सौपी तथा दिलेर खां के साथ शिवाजी के विरूद्ध भेजा।

👉🏻 सर्वप्रथम जयसिंह प्रथम ने वज्रगढ़ के दुर्ग को 24 अप्रेल, 1665 को अधिकार किया।

👉🏻 इसके पश्चात् मुरारजी बाजी से पुरन्दर का दुर्ग छीन लिया।

👉🏻 इन कारणों से शिवाजी को जयसिंह प्रथम के साथ 22 जून, 1665 को पुरन्दर की सन्धि करनी पड़ी।

👉🏻 इस सन्धि की शर्तो के अनुसार शिवाजी ने मुगलों को कुल 23 किले लौटाये जिनकी आय 4 लाख हूण प्रति दुर्ग थी।

👉🏻 शिवाजी को भी मिर्जा राजा जससिंह ने 12 दुर्ग प्रदान किये जिनकी आय एक लाख हुण प्रति दुर्ग थी।

👉🏻 शिवाजी के पुत्र शम्भा जी को शाही सेवा में भेजा गया तथा उन्हें 5 हजारी मनसब व शिवाजी को राजा की उपाधि दी गई।

👉🏻 चाकन तथा बालाघाट पर शिवाजी का आधिपत्य माना गया।

👉🏻 इन सन्धि की शर्तो के पश्चात मिर्जा राजा जयसिंह शिवाजी को लेकर आगरा पहुँचे।

👉🏻 9 मई, 1666 को मुगल दरबार में शिवाजी को निम्न श्रेणी के मनसबदारों में खड़ा किया गया।

👉🏻 इस घटना से नाराज होकर शिवाजी ने विद्रोह कर भागने की कोशिश की।

👉🏻 शिवाजी को मानसिंह प्रथम द्वारा निर्मित  जयपुर भवन में कैद करके रखा गया।

👉🏻 इस कैद से शिवाजी 13 अगस्त, 1666 को फरार हो गये तथा 22 सितम्बर, 1666 को महाराष्ट्र के रायगढ़ के दुर्ग पर कब्जा कर लिया।

👉🏻 शिवाजी ने तानाजी मालसुरे से कोडाणा का दुर्ग जीता तथा उसका नाम सिंहगढ़ रखा।

👉🏻 इसके पश्चात् 13 अक्टुबर, 1670 को शिवाजी ने दूसरी बार लूटा।

👉🏻 इस समय इन्हें 60 लाख की प्राप्ति हुई।

👉🏻 महाराष्ट्र के ब्राह्मणों ने शिवाजी को क्षेत्रिय मानने से इन्कार कर दिया था।

👉🏻 इस वजह से 16 जून, 1674 को इन्होने रायगढ़ दुर्ग में काशी के प्रसिद्ध विद्वान गगाभट्ट (विश्वेश्वर मोहन भट्ट)  से अपना राज्याभिषेक करवाया।

👉🏻 इन्होने छत्रपति हैदव धर्मोद्वारक तथा गौ ब्राह्मण प्रतिपालक की उपाधियां धारण की।

👉🏻 परन्तु 12 दिन पश्चात ही इनकी माता जीजाबाई के निधन की वजह से इन्होनें दूसरा राज्यभिषेक तांत्रिक विधि से सम्पादित करवाया।

👉🏻 इन्होने वैल्लौर दुर्ग (कनटिक) पर कब्जा कर लिया तथा कुतुबशाह ने इन्हें संधि का प्रस्ताव भेजा व एक लाख हुण देना स्वीकार किया।

👉🏻 शिवाजी ने सीमावर्ती क्षेत्र जीजी को अपनी दूसरी राजधानी बनाकर दरिया सारण के नेतृत्व में एक नौसेना जंजीरा टापू को जीतने के लिए भेजा।

👉🏻 इन्होंने अब सीनियाई से भी युद्ध किया परन्तु शिवाजी कभी भी पुर्तगालियों को पराजित नहीं कर पाये।

👉🏻 14 अप्रेल, 1680 को 53 वर्ष की आयु में शिवाजी का निधन हो गया।

History Topic Wise Notes & Question
छत्रपति शिवाजी

Leave a Comment